भारत में प्राइवेट स्कूल कैसे शुरू करें?

भारत में प्राइवेट स्कूल कैसे शुरू करें?: दोस्तों आपने कभी एक बात पर गौर किया है कि हर माँ बाप अपने बच्चों को प्राइवेट में क्यों पढ़ाते हैं? क्योंकि हमारे भारत देश में अभी भी सरकारी जितने भी स्कूल हैं वो सुधरे नहीं हैं। कुछ स्कूल को छोड़कर अभी भी प्राइवेट स्कूल गवर्नमेंट स्कूल से काफी अच्छे माने जाते हैं। तो आज के लेख में हम आपको भारत में स्कूल कैसे खोलें इसकी पूरी स्टेप बाई स्टेप में जानकारी देने वाले हैं और आज स्कूल ऐसी जगह खोल सकते हैं जहां अच्छे स्कूल ना हों या फिर बच्चों को स्कूल के लिए बहुत दूर जाना पड़ता हो।

आज के लेख में हम आपको बताएंगे स्कूल खोलने के क्या क्या तरीके हैं। कहने का मतलब यह है कि हम आपको इस लेख में बताने वाले हैं कि स्कूल खोलने का स्कोप और डिमांड क्या है। कितने तरीके से आप स्कूल खोल सकते हैं। स्कूल खोलने के लिए पात्रता क्या है, क्या क्या इंतजाम करने पड़ेंगे?

स्कूल खोलने के लिए आपको क्या क्या डॉक्यूमेंट लगेंगे? साथ में ही जरूरी लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन, कानूनी प्रक्रिया क्या होगी? स्कूल खोलने के लिए टोटल लागत कितनी होगी? स्कूल खोलने के लिए टोटल कमाई कितनी होगी। ये तमाम तरीके के पॉइंट है, जिनमें आपको स्कूल से संबंधित पूरी जानकारी हम देने वाले हैं। दोस्तों इस लेख के एक एक पॉइंट को अच्छे से समझना, चलिए फिर शुरुआत करते हैं।

प्राइवेट स्कूल खोलने का बिजनेस क्या है? 

दोस्तों प्राइवेट स्कूल की बात करें तो आप प्राइवेट स्कूल खोलने के लिए आपको सबसे पहले प्राथमिक, माध्यमिक और प्ले स्कूल आदि में से सिलेक्शन करना होगा। कहने का सीधा सा मतलब यह है कि आप प्राथमिक स्कूल खोलना चाहते हैं या फिर माध्यमिक खोलना चाहते हैं या फिर आप प्ले स्कूल बच्चों के लिए, छोटे बच्चों के लिए खोलना चाहते हैं या फिर उच्चतर माध्यमिक 12 तक स्कूल खोलना चाहते हैं।

इसके बीच में आपको सेलेक्शन करना होगा। उसके बाद आप पूरी कानूनी प्रक्रिया समझकर, स्कूल खोलकर और सभी जरूरी फैसिलिटी बढाकर जैसे कि प्लेग्राउंड है, लाइब्रेरी है, ऑफिस है। ये तमाम तरह की फैसिलिटी आप बढाकर आप अपने स्कूल के बिजनेस को शुरू कर सकते हैं व यही स्कूल खोलने का बिजनेस है। 

प्राइवेट स्कूल खोलने का स्कोप ऑन डिमांड कितना है। 

स्कूल का स्कोप डिमांड हमेशा बना रहता है। दोस्तों क्योंकि आज देश में अच्छी गुणवत्ता के स्कूल बहुत कम हैं इसलिए अगर आप एक अच्छा स्कूल खोलकर क्वालिटी से युक्त शिक्षा देना चाहते हैं तो आप इस बिजनेस में स्कोप देख सकते हैं। काफी मुनाफा होने के कारण भी आप इस बिजनेस को कर सकते हैं। लेकिन इस बिजनेस को करने से पहले आपको पूरी जानकारी लेना जरूरी है जो कि आपको आगे इसी लेख में मिलने वाली है।

प्राइवेट स्कूल खोलने के प्रकार क्या हैं। 

  • दोस्तों आप छोटे बच्चों को जो एलकेजी से पहले बच्चे। कई लोग चाहते हैं कि बच्चे स्कूल बैठना सीखे। स्टार्टिंग से अगर वो एलकेजी में छोड़ देते हैं तो बच्चे स्कूल में बैठना नहीं सीखते रोते हैं, तो आप प्ले स्कूल खोल सकते हैं छोटे बच्चों का जिसमें आपको लागत भी बहुत कम आएगी और काफी अच्छा डिमांड भी है। 
  • दूसरे नंबर पर अगर आप प्राथमिक स्कूल पांचवी तक खोलना चाहते हैं तो वो स्कूल भी प्राइवेट खोल सकते हैं जो कि इनिशियल लेवल पर अगर आप हैं तो आपको खोलने में काफी ज्यादा आसानी होगी और आपको आगे आपकी राह है वो सफल हो जाएगी या फिर आसान हो जाएगी। 
  • तीसरे नंबर पर आप माध्यमिक स्कूल भी खोल सकते हैं आठवें क्लास तक और फिर उसके धीरे धीरे आप जैसे प्राथमिक खोलेंगे। उसके बाद आपको माध्यमिक की मिल जाएगी परमिशन और उसके बाद आपको उच्चतर माध्यमिक की परमिशन भी मिल जाएगी। ये कुछ रूल्स हैं जिनको आपको जानना जरूरी है।

प्राइवेट स्कूल खोलने के लिए जरूरी पात्रता और इंतजाम क्या हैं? 

दोस्तों प्राथमिक स्कूल के लिए आपको अगर खोलना चाहते हैं तो 9 से 11 लोगों से मिलकर एक संस्था बनाना होता है और ये रजिस्ट्रेशन में आपको 10000 से 15000 रुपए लग सकते हैं। संस्था का रजिस्ट्रेशन होने के बाद आप ये संस्था का रजिस्ट्रेशन आपके जिले लेवल पर करा सकते हैं। दोस्तों एक आपको सर्टिफिकेट मिल जाएगा। जैसे ही आप संस्था का रजिस्ट्रेशन करेंगे उसके बाद हर साल अप्रैल मई में मतलब नए स्कूल खोलने के लिए पूरी भारत सरकार भी और राज्य सरकार भी आवेदन मंगा मांगती है

जिसमें आपको कुछ पैसे लगते हैं फार्म निकालकर उसके साथ संस्था का सर्टिफिकेट अटैच करके आपको ऑफिस में जमा करना होता है। जो कि स्टेट लेवल का शिक्षा विभाग होता है। इसके कुछ दिनों बाद आपको स्कूल को देखने के लिए कुछ ऑफिसर आएंगे। दोस्तों जो भी आप फैसिलिटी दे रहे हैं उसे भरकर आपने दी है। तो जब ये ऑफिसर आपके पास आएंगे और यह आपके अप्रूव कर देंगे उसके बाद स्कूल का और आपका स्कूल खुल जाएगा। तो यह तो हुई दोस्तों आप इस तरीके से स्टेप बाई स्टेप स्कूल खोल सकते हैं।

भारत में प्राइवेट स्कूल कैसे शुरू करें?

स्कूल खोलने के लिए आपके पास स्कूल डायरेक्टर बनने के लिए। दोस्तों सबसे पहले बीएड की डिग्री होना चाहिए। कुछ अलग अलग स्टेट में यह डिग्री अलग अलग हो सकती है। ग्रैजुएशन के बाद दो तीन साल में यह डिग्री आप ले सकते हैं। मतलब ग्रेजुएशन की आपने उसके दो तीन साल में आपको बीएड की डिग्री मिल जाएगी और डिग्री से संबंधित जानकारी आपको जिला उद्योग विभाग, जिला शिक्षा विभाग से ले सकते हैं। इसके बाद आप इग्नू इंस्टिट्यूट से डायरेक्टर का कोर्स भी करना होता है। बदलाव डायरेक्टर बन रहे हैं। एचओडी बन रहे हैं।

आपके स्कूल के तो आपको इग्नू इंस्टिट्यूट से डायरेक्टर का कोर्स भी एक और एवेलेबल है, जिसको करना होता है या फिर आपको पांच वर्ष तक किसी स्कूल में पढ़ाने का अनुभव भी होना चाहिए और मिनिमम दो टीचर आपको बीएड करें होना चाहिए। प्राइमरी और प्री प्राइमरी सबके लिए नियम और कानून सबके लिए अलग अलग हैं। इसलिए आप सबसे पहले यह तय कर लें कि आप कौन सा स्कूल खोलना चाहते हैं। 

प्राइवेट स्कूल खोलने के लिए कानूनी प्रक्रिया, लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन?

 कई अनुमति लेनी पड़ती है जैसे कि बिजली है, पानी है, जगह है। जिस जगह आप स्कूल खोलना चाहते हैं उस जगह के लिए आपको जिला या स्टेट गवर्नमेंट से एनओसी सर्टिफिकेट लेना होता है। एनओसी देने से पहले उस जगह के आसपास स्कूल पहले से अगर है तो ध्यान में रखकर यह दिया जाता है कि अगर पहले से स्कूल है तो आपको दिया जाएगा कि नहीं जाएगा। यह तमाम तरह की जानकारी आपको देना होता है।

एक बार अगर आपको एनओसी मिल जाए, उसके तीन साल के भीतर आपको स्कूल खोलना अनिवार्य नहीं तो फिर आपकी मान्यता रद्द हो जाती है। प्राथमिक स्कूल के लिए अगर आप खोलना चाहते हैं तो आपको नगर निगम से अनुमति लेनी होती है। माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक के लिए आपको दो साल प्राथमिक स्कूल खोलने का अनुभव होना चाहिए। ऐसे बहुत सारे नियम हैं। इन नियमों को जानने के बाद ही आप स्कूल खोलें। 

प्राइवेट स्कूल खोलने के लिए टोटल लागत कितनी आएगी। 

दोस्तों प्राथमिक स्कूल की अगर बात करें तो आपके पास मिनिमम छह कमरे होना चाहिए जिनमें आप मानकर चलिए कि पांच क्लास के लिए और एक ऑफिस के लिए और यह जो कमरे हैं वह आपके किराए के भी हो सकते हैं । आप खुद की बिल्डिंग भी हो सकती है। इसके अलावा बिजली है, पानी है, ऑफिस है, फर्नीचर है, टीचर की सैलरी है। इन सबको मिलाकर अगर बात करें तो 5 से 10 लाख रुपए का आपको खर्च आएगा और यह थोड़ा कम ज्यादा हो सकता है। यह डिपेंड करता है कि आप किस लेवल पर इस बिजनेस को करना चाहते हैं। 

प्राइवेट स्कूल खोलने के लिए टोटल कमाई कितनी होगी? 

कमाई बहुत सारे फैक्टर पर निर्भर करती है। आपके स्कूल की फीस कितनी है? आप अपने स्कूल में टीचर को कितनी सैलरी देते हैं? अगर 8 से 10 लाख मतलब लगभग रुपए आप प्रति साल कमा सकते हैं और महीने का लगभग 20000 से 30000 रुपए शुरुआत में आप टैक्स बेनिफिट कमा सकते हैं।

मानकर चलिए कि आपके पास 100 स्टूडेंट्स है और ₹5,000 एक स्टूडेंट की फीस है। तब आप साल में लगभग ₹5 लाख कमा सकते हैं और यह जो 100 स्टूडेंट बताएं इसके अकॉर्डिंग आप अपनी कैलकुलेशन कर सकते हैं कि एक स्टूडेंट की अगर आप इतनी फीस ले रहे हैं तो आप कितना रुपए कमा सकते हैं और 3 लाख का खर्च अगर मान लें तो भी आप ₹2 लाख मुनाफा कमा सकते हैं और यह मुनाफा कम ज्यादा हो सकता है। आप अपनी खुद की कैलकुलेशन बनाएं और इस बिजनेस को करें।

FAQ:

प्राइवेट स्कूल खोलने में कितना इन्वेस्टमेंट लगता है?

प्राइवेट स्कूल खोलने में 10 लाख तक का इन्वेस्टमेंट लगता है।

प्राइवेट स्कूल खोलकर कितना कमा सकते हैं?

प्राइवेट स्कूल खोलकर आप महीने का लाख रुपया कमा सकते हैं।

प्राइवेट स्कूल कहां खोलनी चाहिए?

प्राइवेट स्कूल वहां खोलना चाहिए जहां प्राइवेट स्कूल की कमी हो।

निष्कर्ष:

दोस्तों इस तरीके से हमने आपको बताया कि भारत में प्राइवेट स्कूल कैसे शुरू करें? दोस्तों भारत में शिक्षा धीरे धीरे बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है ऐसे में प्राइवेट स्कूल को मांग भारत के सब जगह में हो रही है क्योंकि सरकारी स्कूल अभी तक अच्छे से शिक्षा नहीं दे पाते हैं। अगर आप सही जगह चुनकर अपना प्राइवेट स्कूल खोलते हैं तो यह आपको बहुत अच्छा मुनाफा दे सकता है। इस लेख को पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

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