आज हम आपके लिए एक दिलचस्प बिजनेस आइडिया लेकर आये है। शायद कुछ लोगों को लगेगा कि यार यह कोई बिजनेस नहीं है या फिर इतने छोटे स्तर का बिजनेस क्यों इसमें पैसा लगाया जाए। लेकिन यकीन मानिये अगर आप इस बिजनेस को करते हैं तो कम लागत में आप प्रॉफिट कमा सकते हैं। मैं बात कर रहा हूँ फलों के होलसेल के बिजनेस।
जी हाँ, अगर आप फलों का होलसेल का बिजनेस करते हैं तो आप कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। साथ ही साथ आप दिन दूनी रात चौगुनी आप तरक्की कर सकते हैं, मुनाफा कमा सकते हैं और बस कुछ चीजों का खयाल रखना है जैसे कि आपको अपने दिमाग से काम करना है। हर बिजनेस में दिमाग चाहिए होता है।
अपनी सूझबूझ, प्रेजेंस ऑफ माइंड इन सब चीजों का खयाल रखना और बाकी टिप्स के लिए हम हैं। तो आपके सामने पेश करें कुछ ऐसे टिप्स जिससे आप अपने बिजनेस को और ज्यादा आगे बढ़ा सकते हैं। अगर आप फलों का बिज़नेस करने का सोच रहे हैं, उसका होलसेल बिजनेस करने का सोच रहे हैं तो इस लेख को ध्यान से पढ़े।
फलों का बिजनेस कौन कर सकते है?
फलों का बिजनेस करने के लिए कोई डिग्री की आवश्यकता नहीं होगी और न ही कोई बड़ी पूंजी की। ऐसा नहीं है कि इस बिजनेस को केवल पढ़े लिखे लोग ही कर सकते हैं या जिनके पास अधिक पैसा है वह कर सकते हैं।
यह कैसा बिजनेस है जिससे कम पढ़े लिखे और अनपढ़ लोग भी कर सकते हैं और जिनके पास इतनी लागत नहीं है कोई और बिजनेस को करने कि वह इस बिजनेस को कर सकते हैं। इस बिजनेस को करने के दो तरीके हैं। पहला होलसेल और दूसरा रिटेल। इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे फलों का थोक व्यापार कैसे करें?
फलों के व्यापार के लिए आवश्यक चीजें।
जब आप फलों का थोक में व्यापार करने के लिए सबसे जरूरी है कि आप जो जगह इस व्यापार को करना चाहते हैं वह जगह फल मंडी, सब्जी मंडी जैसी जगहों के पास, जिससे छोटे दुकानदार या जिन्हें थोक में फल खरीदना है वह आपके परमानेंट ग्राहक बन सके।
क्योंकि जो छोटे दुकानदार हैं या फिर जिन्हें ज्यादा फल खरीदना होता है वह फल मंडी से ही फल लेते हैं। वहीं फल मंडी के आस पास ही अपने लिए गोदाम की व्यवस्था करें, जहां फलों का स्टॉक रखा जा सके या बचा हुआ माल एकत्रित किया जा सके।
फलों के व्यापार के लिए कर्मचारी।
फलों के व्यापार के लिए बहुत ज्यादा लोगों की आवश्यकता नहीं पड़ती है। यह काम आप दो लोगों में भी कर सकते हैं। दोनों लोगो का काम आप बाट दे, फल को पैक करके ग्राहक के हवाले करना और हिसाब किताब करना। इसके अलावा और भी छोटे मोटे काम मिलजुलकर कर सकते हैं।
फल की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति।
वह बहुत ही जरूरी होता है कि जिस चीज का कारोबार किया जा रहा है, उसकी आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में अच्छी गुणवत्ता के साथ उपलब्ध हो। ऐसे में यह आवश्यक है कि व्यापार करने वाले व्यापारी के पास अच्छी गुणवत्ता वाले फल होने चाहिए। आमतौर पर बड़े किसानों के द्वारा फलमंडी में फल की आपूर्ति की जाती है। इसके अलावा बहुत से ऐसे भी फल हैं जो हमारे देश में पर्याप्त मात्रा में नहीं होते हैं।
भारत सरकार द्वारा वह दूसरे देश से आयात कराए जाने के उपरांत मंडी में पहुंचाया जाता है तो आप अपनी आवश्यकता के अनुसार आयात किए हुए भी फल अपने व्यापार में शामिल कर सकते हैं। हर शहर में फलों के थोक व्यापारी होते हैं। सब्जी मंडी की तरह फलों की मंडी भी होती है। थोक बाजार से खरीदे गए माल को रिटेल किस भाव में बेचना है, वहां यहां के थोक व्यापारी ही बता देते हैं।
इसके बावजूद शहर के अलग अलग इलाकों में फलों के अलग अलग रेट होते हैं। फलों के रेट, उसकी क्वालिटी, पैकिंग, रखरखाव, शोरूम में रखा माल, खुले में फलों की बिक्री, शहर का सस्ता और महंगा इलाका आदि पर डिपेंड करता है। आप फलों को थोक में किसी गांव में जान पहचान बढ़ानी पड़ेगी। जो लोग बागवानी करते हैं, उनसे संपर्क साधना होगा और उन्हें मनाना होगा कि वह आपके साथ बिजनेस कर सके।
फलों का थोक व्यापार करने में निवेश।
फलों का थोक व्यापार करने में सबसे पहले जो खर्च आता है वह है गोदाम का। फल मंडी या सब्जीमंडी के आसपास ऐसी जगह ढूंढना जहां से आपको बिजनेस करने में आसानी हो। ऐसी जगह के लिए आपको किराया भी अच्छा खासा देना होगा, क्योंकि जगह गोदाम के अनुसार ही होंगे। एक बार जगह में इन्वेस्ट करने के बाद आपको फलों को खरीदने के लिए खर्च करना होगा।
फलों पर 1 लाख से डेढ़ लाख रुपए तक निवेश करना पड़ सकता है। यह रकम आपके बिजनेस के विस्तार पर भी निर्भर करती है। इसके अलावा फलों को उतारने के लिए हाथ वाले तराजू या इलेक्ट्रॉनिक तराजू की आवश्यकता होती है। कुल मिलाकर आप ₹2 लाख तक में इस बिजनेस को बेहद अच्छे से शुरू कर सकते हैं।
फलों का रख रखाव।
महंगे होने के साथ संवेदनशील भी होते हैं। इसलिए जरूरी है कि इसका ठीक तरीके से रखरखाव किया जाए। अन्यथा थोड़ी सी लापरवाही के कारण बड़ा नुकसान हो सकता है। साथ ही इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है कि फल ज्यादा बासी न हो। दिखने में ताजा और साफ दिखें, जिससे ग्राहक संतुष्ट होकर आसानी से खरीद सके।
सरकारी सहायता।
अन्य व्यापार की तरह इस व्यापार के लिए और लघु उद्योग को बढ़ावा देने हेतु भारत सरकार और प्रदेश सरकार के द्वारा सब्सिडी और लोन की सहायता दी जाती है। लोन प्राप्त करने के लिए व्यापार का रजिस्ट्रेशन कराने के उपरांत आधार कार्ड समेत अन्य जरूरी दस्तावेज लगाकर पोर्टल पर ऑनलाइन लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
निष्कर्ष:
तो देखा आपने कि आप फलों का बिजनेस कितनी कम लागत में शुरू कर सकते हैं और इससे अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं। यह एक बहुत अच्छा बिज़नेस है जिसे आप बहुत आसानी से कर सकते है। अगर आपको फलो के बिज़नेस से जुडी और भी कोई सवाल हो तो आप हमे कमेंट कर के जरूर बताये। आशा करता हूँ की यह लेख आपको पसंद आया होगा। इसे पढ़ने के लिए आपका बहुत – बहुत धन्यबाद।