ट्रांसपोर्ट बिजनेस कैसे शुरू करें?

ट्रांसपोर्ट बिजनेस कैसे शुरू करें?: बस, ट्रेन, फ्लाइट, ट्रक ये सभी ट्रांसपोर्ट सिस्टम का हिस्सा है। इनके बिना सिविल सोसाइटी की ग्रोथ नहीं हो सकती, क्योंकि अपने कामकाज के सिलसिले में लोगों को कहीं आना जाना हो या फिर किसी सामान को एक से दूसरी जगह पर भेजना हो। ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर हमारी डिपेंडेंसी कभी भी खत्म नहीं होगी।

घर शिफ्ट करना हो, कोई भारी भरकम सामान कहीं से मंगवाना या भिजवाना हो। खाने पीने की जरूरी चीजें दुनिया भर में एक्सपोर्ट इम्पोर्ट करनी हो, दवाइयां मंगवानी हो या जरूरत की कोई भी चीज ट्रांसपोर्ट सिस्टम का कोई रिप्लेसमेंट नहीं है। अगर आप अपना ट्रांसपोर्ट बिजनेस खोलना चाहते हैं तो इस लेख में हम आपको देयेंगे इसकी पूरी जानकारी। बस अंत तक बने रहिए। 

ट्रांसपोर्ट बिजनेस में बिज़नेस मॉडल चुनना होगा। 

आप ट्रांसपोर्ट का बिजनेस बस सर्विस देकर करेंगे, लॉजिस्टिक्स सर्विस प्रोवाइडर बनेंगे। कार रेंट पर देने का काम करेंगे। कुरियर सर्विस देंगे या गुड्स करियर का काम करेंगे। इनमें से कोई एक सेगमेंट आपको डिसाइड करना होगा। कई ऐसे ट्रांसपोर्ट बिजनेस हैं, जो नेशनल परमिट के साथ चलते हैं। जो पूरे देश में जा सकते हैं तो कोई सिर्फ अपने स्टेट के अंदर।

बिजनेस मॉडल तय होने के बाद ही आप आगे की प्लानिंग कर पाएंगे और बिजनेस मोड तय करने के बाद उससे जुड़ी दिक्कतों और रिस्क पर भी आपको काम करना होगा, क्योंकि इन्हें आप जितने बेहतर तरीके से हैंडल कर पाएंगे, आपका प्रॉफिट मार्जिन उतना ही बढ़ेगा। जैसे अगर आप ट्रक ट्रांसपोर्ट का बिजनेस शुरू करेंगे तो आपको किराए पर डालने का सोर्स पता होना चाहिए। गाड़ियों के बिगड़ने पर उन्हें बनाने का कैपिटल होना चाहिए। अच्छे और स्किल्ड ड्राइवर्स होने चाहिए। डॉक्यूमेंट्स और पेपर्स को अपडेट रखना चाहिए ताकि कोई चालान न कटे आदि। 

ट्रांसपोर्ट बिज़नेस में रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस।

अगला स्टेप है लीगल डॉक्यूमेंटेशन को पूरा करना। सबसे पहले आपको अपने बिजनेस को रजिस्टर करना होगा, जिसे आप पार्टनरशिप प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, वन पर्सन कंपनी, स्मॉल स्केल इंडस्ट्री, एमएसएमई और एलएलपी यानी लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप फर्म के तौर पर रजिस्टर करवा सकते हैं। इनके बारे में आपको कोई भी जानकारी नहीं है तो आप किसी लॉयर या लीगल एडवाइजर से भी मिल सकते हैं या फिर किसी ट्रांसपोर्ट का बिजनेस कर रहे व्यक्ति से भी, जिससे आपकी अच्छी जान पहचान है। इसके बाद आप आरटीओ ऑफिस जाकर के जरूरी लाइसेंस और परमिट के लिए अप्लाई कर सकते हैं। 

ट्रांसपोर्ट बिज़नेस में इन्वेस्टमेंट।

आपको बिजनेस कैपिटल पर काम करना, क्योंकि अगर आपकी जमा पूंजी आपके बिजनेस आइडिया के लिए कम पड़ गई है तो पैसों की जरूरत पूरा करने के लिए लोन लेना सबसे बेहतर ऑप्शन होता है। ट्रांसपोर्ट का बिजनेस छोटे स्केल पर भी करने में कम से कम 20 से 25 लाख का खर्चा आएगा। गाड़ी खरीदने से लेकर ऑफिस बनाने, लाइसेंस, इंश्योरेंस और परमिट लेने के लिए, मैनपावर हायर करने के लिए, ईएमआई चुकाने के लिए और गाडिय़ों की सर्विसिंग और मरम्मत के लिए आपको कदम कदम पर पैसों की जरूरत पड़ेगी ही। 

ट्रांसपोर्ट बिज़नेस में रिलेशनशिप। 

यह बिजनेस रिलेशनशिप पर चलता है। इसलिए आपको ट्रांसपोर्ट पर पहले से लगे हुए लोगों से जुड़ना होगा। उनसे कॉन्टैक्ट बनाने होंगे, अपने कस्टमर्स को ढूंढना होगा और उनसे बिजनेस निकालना होगा। अगर ट्रांसपोर्ट बिजनेस की बारीकियां आपको सीकरी है तो अपनी गाडिय़ों को आप किसी ट्रांसपोर्ट सर्विस में भी किराए पर चलाने के लिए लगवा सकते हैं। जब धीरे धीरे जानकारी बढ़ने लगी तो आप खुद एक इंडीविजुअल ट्रांसपोर्ट सर्विस प्रोवाइडर बनने की ओर आगे बढ़ सकते हैं। 

ट्रांसपोर्ट बिज़नेस में नियम का ध्यान।

इस बिज़नेस में आपको थोड़ी रिसर्च करनी पड़ेगी। यानी कि अपने लीगल नॉलेज को बढ़ाना होगा जो कि आपको घाटे से बचा सकता है। ट्रांसपोर्ट बिजनेस में कदम कदम पर आपको लीगल चैलेंजेस का सामना करना पड़ेगा। सड़क पर गाडिय़ों के निकलते ही पुलिस, आरटीओ, ट्रैफिक पुलिस, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट और दूसरी अथॉरिटीज अक्सर गाडिय़ों को रास्ते में रोककर चेकिंग करती है। ऐसे में आपके पेपर्स सही होने चाहिए। लाइसेंस, पॉल्यूशन, इंश्योरेंस फेल नहीं होना चाहिए।

ट्रांसपोर्ट बिजनेस कैसे शुरू करें?

ड्राइवर ड्रंक एंड ड्राइव न करें। ओवरलोडिंग न हो। गाड़ी में लोड की गई चीजों का पेपर वर्क क्लियर हो और गाड़ी के अंदर कोई इल्लीगल चीज ना हो तो आप किसी भी लीगल केस से बचे रहेंगे। इसके अलावा भी कई बार गलत तरीके से ट्रांसपोर्ट करने वालों से पैसे वसूल जाने के केसेज और इंसिडेंट्स आप सुनते होंगे। ऐसे में अगर आप और आपके इम्प्लॉइज को ट्रांसपोर्ट के नियम पता होंगे तो आप लीगल तरीकों से अपना बचाव कर पाएंगे। 

ट्रांसपोर्ट बिजनेस करने के प्रकार। 

टैक्सी सर्विस। 

आजकल प्राइवेट यूज की हो, शादी बुकिंग की हो, ऑफिशियल टूर की हो या फिर सिटी राइड या टूरिस्ट प्लेस पर विजिट करने की हो। इन सबके लिए टैक्सी की बुकिंग काफी ज्यादा बढ़ी है। इसलिए ओला, उबर जैसी टैक्सी और कैब सर्विस का बिजनेस सक्सेसफुल हो गया है। इनके अलावा लोकल और स्टेट लेवल पर भी आपको कई सारी कैब सर्विस दिखाई दी जाएगी।

टैक्सी सर्विस पर स्मॉल कैप सेडान, लग्जरी कैब, लॉन्ग टुअर कैब ग्रुप, ट्रैवल कैब जैसे ऑप्शन्स डिमांड में रहते हैं। इन्हें ध्यान में रखते हुए अब रेंटल बिजनेस डेवलप करने की सोच सकते हैं। इनमें भी आप ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विस रख सकते हैं, जिसके लिए आपको अलग से। रजिस्ट्रेशन करवाना होगा और एप्लीकेशन डेवलप करनी होगी।

एंबुलेंस सर्विस।

सड़कों पर दौड़ती एंबुलेंस को देखकर लोगों को लगता है कि वह हॉस्पिटल या नर्सिंग होम की अपनी प्रॉपर्टी होती है, पर हमेशा ऐसा नहीं होता। कई बार एम्बुलेंस सर्विस प्रोवाइडर अपनी सर्विस हॉस्पिटल को देते हैं। अगर कोई हॉस्पिटल या मेडिकल इंस्टिट्यूट एंबुलेंस सर्विस को मेंटेन करने का झमेला अपने जिम्मे नहीं लेना चाहता तो वह कॉन्ट्रैक्ट पर एम्बुलेंस सर्विस रख लेते हैं। इसके अलावा भी कई स्टेट गवर्नमेंट 108 एमरजेंसी एम्बुलेंस सर्विस लोगों को देती है। इनमें भी आप अपनी एम्बुलेंस को लगवा सकते हैं। 

पैकर्स एंड मूवर्स। 

जब भी लोग एक शहर से किसी दूसरे शहर में शिफ्ट होते हैं, जॉब बदलते हैं या फिर घर का कोई सामान या फर्नीचर कहीं से मंगवाते या भिजवाते हैं तो पैकर्स एंड मूवर्स की जरूरत पड़ती है। आजकल लगभग हर छोटे बड़े शहर में इस बिजनेस का स्कोप बढ़ने लगा है। गूगल सोशल मीडिया, मार्केटिंग और लोकल मीडिया में प्रमोशन करवाकर आप अपने कस्टमर्स तक पहुंच सकते हैं। वाकई जब से गूगल ने अपने सर्च ऑप्शन में नियर में की सुविधा दी है तो लोगों को जरूरत की सारी चीजें ढूंढने में बहुत ही आसानी हो गई है। 

बस सर्विस। 

पब्लिक ट्रांसपोर्ट का सबसे कॉमन मीडियम है बस सर्विस, जो कि एक जगह से दूसरी जगह फिक्स्ड रूट पर और साथ ही रिजर्व मोड पर प्राइवेट यूज के लिए भी अवेलेबल होती है। तो अगर आप जिस एरिया में रहते हैं वहां पर अगर किसी रूट पर बस की कमी है तो उसे पूरा करते हुए अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं।

शॉर्ट और लॉन्ग रूट दोनों के लिए ही हो सकती है। कई बस सर्विस एक से दूसरे स्टेट कैपिटल या बड़े शहरों के लिए भी चलती है। जैसे दिल्ली से गुड़गांव, कोलकाता से पुरी, पटना से लखनऊ आदि। इस तरह की सर्विस में जनरल और लग्जरी दोनों ही बसों की अच्छी डिमांड होती है। या फिर आप अपनी गाड़ी को रेडबस जैसी ऑनलाइन बुकिंग सिस्टम में भी रजिस्टर करवा सकते हैं। 

कोरियर सर्विस। 

ऑफिशियल डॉक्यूमेंट्स, एमरजेंसी, पार्सल, मेडिसिन और ऑनलाइन डिलिवरी सर्विसेज के आने से कुरियर सर्विस की डिमांड काफी ज्यादा बढ़ गई है। ऐसे में आप अपनी खुद की कूरियर सर्विस खोल सकते हैं या किसी सर्विस में अपने ट्रक, लोडर या स्मॉल व्हीकल्स को लगा सकते हैं। ब्लू डार्ट एक्सप्रेस, इंडियन पोस्टल सर्विस, डीएचएल एक्सप्रेस, फेडेक्स इंडिया, डीटीडीसी कोरियर एंड कार्गो लिमिटेड और पोस्ट फ्लाइट कूरियर लिमिटेड जैसे कई स्टैब्लिश ब्रांड्स हैं, जिन्हें आप अपनी गाड़ियां कॉन्ट्रैक्ट पर दे सकते हैं। 

FAQ:

ट्रांसपोर्ट सर्विस में कितना इन्वेस्टमेंट होता है?

ट्रांसपोर्ट सर्विस में आपको 20 लाख तक का इन्वेस्टमेंट होता है?

ट्रांसपोर्ट सर्विस में कितना कमा सकते हैं?

ट्रांसपोर्ट सर्विस में आप महीने का लाख रुपया कमा सकते हैं।

ट्रांसपोर्ट सर्विस में किस प्रकार का गाड़ी इस्तेमाल होता है?

ट्रांसपोर्ट सर्विस में आप बस, कार, ट्रक, जैसे गाड़ियों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

निष्कर्ष:

तो दोस्तों ऊपर दिया जाइए मैं हम आपको बताएं हैं कि ट्रांसपोर्ट बिजनेस कैसे शुरू करें? दोस्तों यह एक ऐसा बिजनेस हमेशा ही दुनिया में रहेगी। ऐसे में आपके पास एक अच्छा बजट है तो आप इस बिजनेस को शुरू करके कई सालों तक अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। दोस्तों आशा करता हूं कि आप बिजनेस आइडिया का लेख आपको पसंद आया होगा और इससे आपको अच्छी जानकारी मिली होगी। इसको पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

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